G20 Summit 2023 नई दिल्ली घोषणापत्र पर बनी सहमति, पीएम मोदी ने किया मंजूरी मिलने का एलान
G20 शिखर सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली घोषणापत्र को आम सहमति से पारित कर दिया गया है। इसे देश की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इस घोषणापत्र में नौ बार भारत का जिक्र किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन समिट से जुड़े घोषणापत्र पर आम सहमति हासिल करने की बात कही। उन्होंने कहा, ”हमारी टीमों की कड़ी मेहनत और आप सभी के सहयोग के कारण नयी दिल्ली जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन घोषणापत्र पर आम सहमति बन गई है। यह मेरा प्रस्ताव है कि हमें वैश्विक नेताओं की इस घोषणा को स्वीकार करना चाहिए। मैं इस घोषणापत्र को स्वीकार करने की घोषणा करता हूं।”
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- हम भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान स्टार्ट-अप 20 एंगेजमेंट ग्रुप की स्थापना और इसके जारी रहने का स्वागत करते हैं।
- हम 2030 एजेंडा के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए भारतीय प्रेसीडेंसी के प्रयासों की सराहना करते हैं।
- हम संसाधन दक्षता और परिपत्र अर्थव्यवस्था उद्योग गठबंधन (आरईसीईआईसी) शुरू करने के लिए भारतीय अध्यक्षता को धन्यवाद देते हैं। हम पर्यावरण की दृष्टि से उचित अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ाने, 2030 तक अपशिष्ट उत्पादन को काफी हद तक कम करने और शून्य अपशिष्ट पहल के महत्व को उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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- हम भारतीय प्रेसीडेंसी के तहत तैयार “ऊर्जा संक्रमण के लिए कम लागत वाले वित्तपोषण” पर रिपोर्ट और इसके अनुमान पर ध्यान देते हैं कि दुनिया को प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा के उच्च हिस्से के साथ 4 ट्रिलियन अमरीकी डालर से अधिक के वार्षिक निवेश की आवश्यकता है।
- ग्लोबल डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर रिपॉजिटरी (जीडीपीआईआर) के निर्माण और रखरखाव की भारत की योजना का स्वागत है, जो डीपीआई का एक आभासी भंडार है, जिसे स्वेच्छा से जी 20 सदस्यों और अन्य की ओर से साझा किया गया है।
- भारतीय प्रेसीडेंसी के वन फ्यूचर एलायंस (ओएफए) के प्रस्ताव पर ध्यान दिया गया जो क्षमता निर्माण के उद्देश्य से एक स्वैच्छिक पहल है, और एलएमआईसी में डीपीआई को लागू करने के लिए तकनीकी सहायता और पर्याप्त धन सहायता प्रदान करता है।
- हम जी-20 के उन सभी सदस्यों के प्रयासों की सराहना करते हैं, जिन्होंने जी-20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त किया। अफ्रीका वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- हम नई दिल्ली में 18वें जी-20 शिखर सम्मेलन की सफल मेजबानी करने, प्रतिनिधियों का गर्मजोशी से स्वागत करने और जी-20 को मजबूत करने में बहुमूल्य योगदान के लिए भारत को धन्यवाद देते हैं। हम विभिन्न जी-20 कार्य समूहों और मंत्रिस्तरीय बैठकों के सफल समापन की सराहना करते हैं और उनके परिणामों का स्वागत करते हैं।
- हम 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा पर सफल लैंडिंग करने पर भारत को बधाई भी देते हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर बोले- 2030 तक हम सतत विकास का लक्ष्य हासिल करेंगे
घोषणापत्र की जानकारी देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि इस में एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि देश के 60 शहरों में जी20 की बैठकें हुई। 37 पन्नों के घोषणापत्र में यूक्रेन का चार बार जिक्र किया गया है। जयशंकर ने कहा कि 2030 तक हम सतत विकास का लक्ष्य हासिल करेंगे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि जी-20 ने महामारी के बाद की विश्व व्यवस्था की आवश्यकता को समझा है, जो पहले की व्यवस्था से अलग है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि जी 20 ने भारत को दुनिया के साथ प्रभावी ढंग से जुड़ने के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने उल्लेख किया कि दिल्ली घोषणा में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने की दिशा में प्रगति में तेजी लाने की योजना शामिल है।
वित्त मंत्री सीतारमण बोलीं- समिट के दौरान 21वीं सदी की चुनौतियों पर चर्चा की गई
इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि समिट में 21वीं सदी के चुनौतियों पर चर्चा की गई। इस दौरान वैश्विक समस्याओं के निराकरण पर जोर दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैठक के दौरान क्रिप्टो के नियमन पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि इस बात पर चर्चा की गई कि कोई भी देश पीछे ना छूटे। इस दौरान ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई।
भारत की जी-20 अध्यक्षता जी-20 के इतिहास में सबसे महत्वाकांक्षी रही है। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “मुझे अच्छी खबर मिली है। हमारी टीम की कड़ी मेहनत के कारण, नई दिल्ली जी 20 नेताओं के शिखर सम्मेलन घोषणा पर आम सहमति बन गई है। मेरा प्रस्ताव इस नेतृत्व की घोषणा को अपनाने का है। मैं इस घोषणा को स्वीकार करने की घोषणा करता हूं। इस अवसर पर, मैं अपने शेरपा, मंत्रियों को बधाई देता हूं, जिन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की और इसे संभव बनाया।
G20 की भारतीय अध्यक्षता के दौरान 73 परिणामों (प्रयास की लाइनें) और 39 संलग्न दस्तावेजों (अध्यक्षता से जुड़े दस्तावेज, जिसमें कार्य समूह के परिणाम दस्तावेज शामिल नहीं हैं) को अंतिम रूप दिया गया है। इन 112 परिणामों और अध्यक्षीय दस्तावेजों के साथ, हमने पिछले अध्यक्षीय कालों की की तुलना में दोगुना परिणाम हासिल किया है। पिछले प्रेसीडेंसियों की तुलना में परिणामों और संलग्न दस्तावेजों की संख्या दो गुने से पांच गुना तक है। ऐसे में G20 की भारतीय अध्यक्षता सभी G20 प्रेसीडेंसियों में सबसे महत्वाकांक्षी और कार्रवाई-उन्मुख रही है।