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3 महीने का था जब शहीद हो गए थे मेजर पिता, अब बेटे ने लेफ्टिनेंट बन पूरी की अंतिम इच्छा

शौर्य चक्र विजेता, शहीद मेजर पिता की अंतिम इच्छा आखिकार उनके बेटे नवतेशवर ने पूरी कर दी. देश पर अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीद पिता मेजर हरमंदर पाल सिंह का बेटा अपनी मेहनत और लगन से पिता की ही रेजीमेंट में अफसर बना है. यह परिवार की तीसरी पीढ़ी है जो देश सेवा में सेना में भर्ती हुई है. नवतेशवर जब महज 3 माह का था तब उसके पिता शहीद हो गए थे.
शौर्य चक्र विजेता, शहीद मेजर पिता की अंतिम इच्छा आखिकार उनके बेटे नवतेशवर ने पूरी कर दी. देश पर अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीद पिता मेजर हरमंदर पाल सिंह का बेटा अपनी मेहनत और लगन से पिता की ही रेजीमेंट में अफसर बना है. यह परिवार की तीसरी पीढ़ी है जो देश सेवा में सेना में भर्ती हुई है. नवतेशवर जब महज 3 माह का था तब उसके पिता शहीद हो गए थे.