डॉ. कलाम की कहानी को बेहद दिलचस्प तरीके से बयान करती है युवा लेखक ईशान शर्मा की किताब 'द टीचर आई नेवर मेट'

20 जून, 2000 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्मे 23 वर्षीय ईशान शर्मा ने अपनी पहली किताब ‘द टीचर आई नेवर मेट’ 16 साल की उम्र में यानी कि 2017 में अपने 17वें जन्मदिन से थोड़े दिन पहले ही लिखी है. कानपुर में पले-बढ़े युवा लेखक ईशान देश के 11वें राष्ट्रपति, भारत रत्न और मशहूर वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से इतने ज्यादा प्रभावित हैं कि इतनी कम उम्र में उन्होंने यहकिताब लिख दी. बचपन से ही लिखने-पढ़ने के शौकीन रहे ईशान ने यह किताब लिखकर खुद को न सिर्फ एक लेखक के तौर पर स्थापित किया बल्कि सबसे युवा लेखक के तौर पर भी ख्याति हासिल की. सबसे खास बात यह है कि ईशान की किताब डॉ. कलाम की कहानी को बेहद दिलचस्प तरीके ये बयान करती है.
20 जून, 2000 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्मे 23 वर्षीय ईशान शर्मा ने अपनी पहली किताब ‘द टीचर आई नेवर मेट’ 16 साल की उम्र में यानी कि 2017 में अपने 17वें जन्मदिन से थोड़े दिन पहले ही लिखी है. कानपुर में पले-बढ़े युवा लेखक ईशान देश के 11वें राष्ट्रपति, भारत रत्न और मशहूर वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से इतने ज्यादा प्रभावित हैं कि इतनी कम उम्र में उन्होंने यहकिताब लिख दी. बचपन से ही लिखने-पढ़ने के शौकीन रहे ईशान ने यह किताब लिखकर खुद को न सिर्फ एक लेखक के तौर पर स्थापित किया बल्कि सबसे युवा लेखक के तौर पर भी ख्याति हासिल की. सबसे खास बात यह है कि ईशान की किताब डॉ. कलाम की कहानी को बेहद दिलचस्प तरीके ये बयान करती है.