शासन का ड्रीम प्रोजेक्ट चढ़ा भ्रष्टाचार कि भेट
*जेसीबी मशीनों से कराया जा रहा मनरेगा का कार्य*
चोपन (सोनभद्र)। विकास खण्ड चोपन कार्यालय के चंद मीटर दूरी पर ग्राम पंचायत चोपन में दशकों पुरानी तालाब जिसका कायाकल्प शासन का महत्वपूर्ण योजना अमृत सरोवर के अंतर्गत मनरेगा/पंचायतीराज के पंद्रहवां, एवं पंचम राज्य वित्त से होना था। अमृत सरोवर तलाब शासन का ड्रीम प्रोजेक्ट होने के कारण इसका शिलान्यास राज्यमंत्री समाज कल्याण विभाग संजीव गौड़,व खंड विकास अधिकारी चोपन शुभम बनरवाल ने पूरे विधि विधान से किया था और कार्यस्थल पर
शिलान्यास का बोर्ड भी लगाया गया।
जिसकी लागत लगभग 29लाख रुपए रखी तय कि गई।
परंतु ग्राम प्रधान/सचिव को शासन कि महत्वपूर्ण योजना अमृत सरोवर रास नहीं आई अपने जानने वाले तलाब के पास बसे सरहदीय काश्तकार को लाभ पहुंचाने के लिए शिलान्यास पट वहां से उखाड़ कर दूसरे स्थान पर ले जाया गया मजदूरों की जगह प्रतिबंधित मशीन जेसीबी का इस्तेमाल किया जा रहा है पहले से बने तालाब कि मेड को काट कर कई फिट तालाब को पाट कर पहले कि अपेक्षा कम कर दिया गया है सूत्रों कि माने तो ग्राम प्रधान बगल के काश्तकार के मिलीभगत
से ट्रेक्टर ट्राली से सैकड़ों ट्राली मिट्टी जो दूसरे जगह से ला कर तालाब के कुछ हिस्सों को भरा गया है।
ग्रामीणों में यह चर्चा का विषय बना है कि फर्जी तरीके से मनरेगा में हजारी लगा कर अपने करीबी दोस्त व जानने वालो के नाम मस्टरोल भरा जा रहा है जो कभी मजदुरी किए ही नही उनके भी नाम जाब कार्ड बनवा कर फर्जी भुगतान किया जा रहा है।
शासन के ड्रीम प्रोजेक्ट में घटिया सामग्री का स्तेमाल किया जा रहा है सोचने वाली बात यह कि जिस ग्राम पंचायत अंतर्गत खंड विकास अधिकारी कार्यालय है वहा पर विकास कार्यों का यह हाल है तो मिलो दूर बसे हर्रा, भरहरी, जुगैल, ग्राम सभाओ का क्या हाल होगा।