गोरों का गुमान: आतंकवादी निज्जर पर पश्चिम की नैतिकता की दुहाई हमें क्या बताती है

भारत और कनाडा के बीच बढ़ते राजनयिक संकट से उस जबरदस्त दोगलेपन का पता चलता है जो पश्चिम के ‘नियम-आधारित आदेश’ के मूल में निहित है जो इस अटूट सिद्धांत पर चलता है कि ‘श्वेत हमेशा सही होता है.’ जब पश्चिम की बात आती है, तो उनके दुश्मन “आतंकवादी” हो जाते हैं, जिनके पास कोई मानवाधिकार नहीं होता है, न ही जिन देशों में उन्हें आश्रय मिलता है, उनके पास संप्रभुता का कोई दावा होता है.
भारत और कनाडा के बीच बढ़ते राजनयिक संकट से उस जबरदस्त दोगलेपन का पता चलता है जो पश्चिम के ‘नियम-आधारित आदेश’ के मूल में निहित है जो इस अटूट सिद्धांत पर चलता है कि ‘श्वेत हमेशा सही होता है.’ जब पश्चिम की बात आती है, तो उनके दुश्मन “आतंकवादी” हो जाते हैं, जिनके पास कोई मानवाधिकार नहीं होता है, न ही जिन देशों में उन्हें आश्रय मिलता है, उनके पास संप्रभुता का कोई दावा होता है.