सुख धालीवाल का दिमाग और ट्रूडो का फैसला…कैसे खालिस्तानियों की सहानुभूति पाने को निज्जर की मौत को बनाया मोहरा

Hardeep Singh Nijjar death Row: सूत्रों ने बताया कि जब धालीवाल पाकिस्तान से लौटे तो उन्होंने ट्रूडो को यह विचार दिया और उन्होंने खालिस्तानियों की सहानुभूति हासिल करने के लिए निज्जर की मौत का इस्तेमाल करने का फैसला किया. हाउस ऑफ कॉमन्स में भारत के खिलाफ सुख का भाषण उपरोक्त तथ्य को पुख्ता करता है. दरअसल, लुधियाना के सुजापुर गांव में जन्मे सुख धालीवाल ने गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और 2021 में कनाडाई चुनाव जीतने वाले 16 इंडो-कैनेडियन पंजाबियों में से एक थे.
Hardeep Singh Nijjar death Row: सूत्रों ने बताया कि जब धालीवाल पाकिस्तान से लौटे तो उन्होंने ट्रूडो को यह विचार दिया और उन्होंने खालिस्तानियों की सहानुभूति हासिल करने के लिए निज्जर की मौत का इस्तेमाल करने का फैसला किया. हाउस ऑफ कॉमन्स में भारत के खिलाफ सुख का भाषण उपरोक्त तथ्य को पुख्ता करता है. दरअसल, लुधियाना के सुजापुर गांव में जन्मे सुख धालीवाल ने गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और 2021 में कनाडाई चुनाव जीतने वाले 16 इंडो-कैनेडियन पंजाबियों में से एक थे.