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पुण्यतिथि विशेष : वीरेन डंगवाल की लोकप्रिय कविताएं- "प्रेम हृदय में यह कैसा कोहराम मचाए है"

देश के अग्रणी कवि वीरेन डंगवाल की 28 सितंबर यानी कि आज पुण्यतिथि है. आज ही के दिन कैंसर की लड़ाई लड़ते हुए उन्होंने अंतिम सांस ली थी. उन्होंने अपने आखिरी समय तक शब्दों का साथ नहीं छोड़ा और दुनिया को कभी खुद पर हावी होने नहीं दिया. कविता में यथार्थ को देखने-पहचानने का उनका तरीका हमेशा अनोखा और बुनियादी रहा. आम आदमी के जो विलक्षण ब्यौरे उन्होंने अपनी कविताओं में प्रस्तुत किए, वे उन्हें पढ़ते हुए दृश्य बनकर आंखों के सामने खड़े हो जाते हैं. प्रस्तुत है वीरेन डंगवाल के लोकप्रिय कविता-संग्रह ‘दुशचक्र में स्रष्टा’ से पांच चुनिंदा कविताएं. वीरेन डंगवाल के इस संग्रह को साहित्य अकादेमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. संग्रह का प्रकाशन ‘राजकमल’ ने साल 2002 में किया था.

देश के अग्रणी कवि वीरेन डंगवाल की 28 सितंबर यानी कि आज पुण्यतिथि है. आज ही के दिन कैंसर की लड़ाई लड़ते हुए उन्होंने अंतिम सांस ली थी. उन्होंने अपने आखिरी समय तक शब्दों का साथ नहीं छोड़ा और दुनिया को कभी खुद पर हावी होने नहीं दिया. कविता में यथार्थ को देखने-पहचानने का उनका तरीका हमेशा अनोखा और बुनियादी रहा. आम आदमी के जो विलक्षण ब्यौरे उन्होंने अपनी कविताओं में प्रस्तुत किए, वे उन्हें पढ़ते हुए दृश्य बनकर आंखों के सामने खड़े हो जाते हैं. प्रस्तुत है वीरेन डंगवाल के लोकप्रिय कविता-संग्रह ‘दुशचक्र में स्रष्टा’ से पांच चुनिंदा कविताएं. वीरेन डंगवाल के इस संग्रह को साहित्य अकादेमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. संग्रह का प्रकाशन ‘राजकमल’ ने साल 2002 में किया था. 

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