Hindi Kahani: आपदा में अवसर की खोज है अन्नापूर्णानंद वर्मा की मज़ेदार कहानी 'अकबरी लोटा'

“लाला झाऊलाल ने बेढंगा लोटा नापसंद होने के बावजूद चुपचाप ले लिया क्यूंकि वो अपनी पत्नी की धाक से परिचित थे एवं उनका अदब रखते थे. साथ में उन्हें भी यह ज्ञात था की उनसे पैसे का इंतजाम अब तक नहीं हो पाया है. इस स्थिति में वो पत्नी से किसी भी तरीके से उलझ कर अपनी मुसीबत और नहीं बढ़ा सकते हैं…” प्रस्तुत है अन्नापूर्णानंद वर्मा की बेहद लोकप्रिय कहानी ‘अकबरी लोटा’. यह कहानी रोचक होने के साथ-साथ बेहतरीन हास्य व्यंग्य है. कहानी शिष्टता का खयाल रखते हुए अंत तक बांधे रखती है और कई बार गुदगुदाती है.
“लाला झाऊलाल ने बेढंगा लोटा नापसंद होने के बावजूद चुपचाप ले लिया क्यूंकि वो अपनी पत्नी की धाक से परिचित थे एवं उनका अदब रखते थे. साथ में उन्हें भी यह ज्ञात था की उनसे पैसे का इंतजाम अब तक नहीं हो पाया है. इस स्थिति में वो पत्नी से किसी भी तरीके से उलझ कर अपनी मुसीबत और नहीं बढ़ा सकते हैं…” प्रस्तुत है अन्नापूर्णानंद वर्मा की बेहद लोकप्रिय कहानी ‘अकबरी लोटा’. यह कहानी रोचक होने के साथ-साथ बेहतरीन हास्य व्यंग्य है. कहानी शिष्टता का खयाल रखते हुए अंत तक बांधे रखती है और कई बार गुदगुदाती है.