हमारी ज़िंदगी का रास्ता भी गोल है शायद, जहां से आए थे वापस वहीं पर लौटना होगा : राहिब मैत्रेय

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हमारी ज़िंदगी का रास्ता भी गोल है शायद, जहां से आए थे वापस वहीं पर लौटना होगा : राहिब मैत्रेय

35 कृतियों के रचयिता ‘राहिब मैत्रेय’ का काव्य-संसार अनूठा है. राहिब आज के समय के कवि-शायर-ग़ज़लकार हैं. ख़ास बात यह है कि उनकी रचनाधर्मिता नितांत मौलिक है, जो चिंतन के नए आयामों को प्रकट करती है. राहिब का गज़ल-संग्रह ‘दरमियानी रविश’ आज की दुनिया की पड़ताल करती हुई कृति है, जो सिर्फ समस्याओं को ही नहीं बल्कि उनका हल भी बयां करती है. प्रस्तुत है राहिब के इसी गज़ल-संग्रह से चुनिंदा गज़लें…

35 कृतियों के रचयिता ‘राहिब मैत्रेय’ का काव्य-संसार अनूठा है. राहिब आज के समय के कवि-शायर-ग़ज़लकार हैं. ख़ास बात यह है कि उनकी रचनाधर्मिता नितांत मौलिक है, जो चिंतन के नए आयामों को प्रकट करती है. राहिब का गज़ल-संग्रह ‘दरमियानी रविश’ आज की दुनिया की पड़ताल करती हुई कृति है, जो सिर्फ समस्याओं को ही नहीं बल्कि उनका हल भी बयां करती है. प्रस्तुत है राहिब के इसी गज़ल-संग्रह से चुनिंदा गज़लें… 

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